*** तलाशी लूँ *** तलाशी लूँ तलाशी लूूँ समंदर की तो लहरें क्यूँ बदलता है ? मेरे ज़जीरों पे ही लेकिन ये पहरे क्यूँ बदलता है ? कभी चेहरा बदलने से अगर क़िस्मत नहीं बदली... महज क़िस्मत बदलते ही वो चेहरे क्यूँ बदलता है ? ✍️सुमीत सिवाल...
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