*** नवरात्र का आगाज़ *** नवरात्र का आगाज़ फूलों का शरबत हो, पत्रों का पात्र हो, खुशियाँ ही खुशियाँ हों, ना दुख नाम-मात्र हो, आओ मिलकर इस पावन धरा के कण-कण को महकाएं... सब को मुबारक इस वर्ष का प्रथम नवरात्र हो ! ✍️सुमीत सिवाल...
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