🌹🌹🌹 कौन 🌷🌷🌷
कौन ? |
दरख्तों पे परिंदों को पनाहें कौन देगा?
इबादत में झुकी नज़रों को निगाहें कौन देगा?
बंधे हैं मुसाफिर न जाने कैसी-कैसी मंजिलों से...
इस अनजान सफर में उन्हें वापसी की राहें कौन देगा?
और मैं चाहकर भी मुँह मोड़ नहीं सकता अपनों से...
बुरे वक़्त में फिर मुझे राहत भरी बाहें कौन देगा?
✍️ सुमीत सिवाल...
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