🚶♂️🏃 मंजिल 👣👣 मंजिल मंजिल वही, मुसाफ़िर वही, हाँ.... डगरिया अलग है, जज़्बा वही, होंसला वही, बस... नज़रिया अलग है ! ✍️सुमीत सिवाल...
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