🥀🥀🥀 इन दिनों 🥀🥀🥀 इन दिनों पत्तों से लिपटी रहती है सदा,शबनम छूटती नहीं इन दिनों, बरसों से चिपकी रही है हया,एकदम छूटती नहीं इन दिनों, कोशिश हम भी बहुत करते हैं बाहर निकलने की,हमसे मगर... एक रजाई ही है कम्बख्त जो हरदम छूटती नहीं इन दिनों ! ✍️सुमीत सिवाल...
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