🐥🐥🐥 क़ामिल ज़िन्दगी 🐥🐥🐥
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क़ामिल ज़िन्दगी |
तपती भट्ठी में खूब पका, पर मन कच्चे का कच्चा रहा,
लाख मुसीबत सहकर भी, ये दिल सच्चे का सच्चा रहा,
निकल पड़ा कोई देश छोड़, कोई पढ़-लिखकर के बड़ा बना...
उम्र बीत गई कामिल मुझमें , मैं बच्चे का बच्चा रहा !
✍️सुमित सिवाल...
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