🤔 *** कहाँ आ गया ? ***🚶♂️
कहाँ आ गया |
लौ भी बुझ चुकी, दफ़न हो चुका सूरज गर्दिश में,
अंधेरों का न जाने कैसा समाँ आ गया ?
हर शख्स डरा सा है... हर चराग़ सहमा सा...
ये बुजदिलों की बस्ती में, मैं कहाँ आ गया ?
✍️सुमीत सिवाल...
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