*** विजयदशमी *** विजयदशमी अधर्म जब अपनी सीमा पार करता है, ये सारा जग सत्य की पुकार करता है, धरती पे जब-जब पाप बढ़ता है... पापियों का संहार फिर विष्णु अवतार करता है ! ✍️सुमीत सिवाल...
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