✒️✒️✒️ मल्लाह 🚣🚣🚣 मल्लाह किसी को अपना कह कर के, पराया हम नहीं करते, चमन में बीज नफ़रत के... उगाया हम नहीं करते, बहुत सी खूबियाँ मुझको मेरे मल्लाह ने बख्शी हैं... तूफ़ाँ कैसे भी हों... कश्ती डुबाया हम नहीं करते ! ✍️ सुमीत सिवाल...
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