क़हर...

***  क़हर  ***


कहर, क़हर, ख़तरा
क़हर 

तेरे बहर में गर उतरें तो लहर का खतरा है, 
एक कतरा भी निगलें तो ज़हर का खतरा है,
गाँव से निकल के सोचता हूँ चलूँ के न चलूँ तेरे शहर... 
हर डगर पे यहाँ सफर में तेरे क़हर का खतरा है ! 

✍️ सुमीत सिवाल...



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