🌎🛸 🧚♀️ सैयारा 🧘🛸🌍
सैयारा |
मेरी तरहाँ तेरे भीतर, अज़ब सा शोर भी है क्या ?
किनारों, दूर मीलों तक हवा का ज़ोर भी है क्या ?
क्यूं फिर सदियों से जिन्दा है मेरे अंदर का खालीपन....
मेरे सैयारे से मुझ-सा यहाँ कोई और भी है क्या ?
✍️सुमीत सिवाल...
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